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जगमग जगमग




सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन
तत्पश्चात "लेखनी" को नमन
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधीजन को नमन
शीर्षक -:जगमग जगमग
दिनाँक-: 11-11-2023
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जगमग जगमग दीप जले हैं ।
राम आरती होने लगी है।।

सुंदर-सुंदर पुष्प खिले हैं।
 डाली डाली मुसकाने लगी है।।

मेवा मिष्ठान बनाने लगे हैं।
प्रसाद की तैयारी होने लगी है।।

गली मोहल्ला सजने लगा है।
अवध दुल्हन सी सँवरने लगी है।।

दृश्य बड़ा मनोहर लघने लगा है।
धर्म की थाप बजने लगी है।।

जगमग जगमग दीप जले हैं।
राम आरती "आभा" करने लगी है।।


आभा मिश्रा- कोटा (राजस्थान)
स्वरचित मौलिक रचना



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4 Comments

RISHITA

12-Nov-2023 11:40 AM

Nice

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Punam verma

12-Nov-2023 08:31 AM

Nice👍

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सुन्दर सृजन

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